सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में लगातर बारिश से नदी व नालों उफान पर होने से जिला मुख्यालय का कोंटा ब्लाक सहित 100 से ज्यादा गांवों से सम्पर्क टूट चुका है। एनएच- 30 पर भरा पानी एर्राबोर पुल के ऊपर से बह रहा था। वहीं भारी बारिश से यातायात प्रभावित हुआ और सड़कों पर लगी गाड़ियों की लाइन। पुलिस प्रशासन ने लगाया बेरिकेट। पुलिस ने वीडियो जारी कर लोगों से नदी व नालों को पार करते समय रहे सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार नदी-नाले उफान के चलते रास्ते बंद होने के कारण एक मरीज को डिस्चार्ज कर वापस गृहग्राम लाया जा रहा था, जिसकी रास्ते में मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बढ़ते खर्च के कारण डिस्चार्ज कर वापस लाकर देशी इलाज कराया जाना था। मृतक ग्राम किष्टाराम अडरापेंटा का निवासी रहा। शव को गृह ग्राम ले जाने की कोशिश की गई पर चारों ओर नदी व नाले भरे हुए थे जिसके कारण 20 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर परिजन शव को खाट में लेकर पुल पुलिया पार कर अपने गृहग्राम पहुंचे।
सुकमा जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर केरलापाल क्षेत्र के पोगाभेज्जी व सिरसट्टी पंचायत है। इन पंचायतों को एनएच 30 केरलापाल से जोड़ती है। ग्रामीण ने बताया कि सरकारी राशन व हाटबाजार से अपनी दैनिक जरूरतों के सामनों की खरीदी के लिए केरलापाल आना पड़ता है। पर यहां तक पहुंचना भी चुनौति भरा काम है। नदी में दो जगह पर पुल का निर्माण की आवश्यकता है। पुल निर्माण नहीं होने से इस क्षेत्र में वाहनें नहीं चलती हैं।
वहीं केरलापाल से दो किमी तक ही पक्की सड़क हैं उसके बाद भी इन दोनों पंचायत के लिए जाने वाली सड़क बदहाल है। रबडीपारा के पास नाला पार करते ही आगे के लिए पगडंडी नुमा सड़क है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच यहां के ग्रामीण वनोपज के साहरे जीवन यापन कर रहे है।
जिले के अंदरूनी क्षेत्र में आज भी ग्रामीण आज भी दसवीं सदी जैसे स्थित में जीवन यापन करने के लिए मजबूर है। इन पंचायतों में आज भी ग्रामीणों को चलने के लिए सही से सड़क भी नहीं है। बिजली, पेयजल, शिक्षक, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के बीच ग्रामीण रहने के लिए मजबूर है।