देहरादून : उत्तराखंड की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार शीघ्र ही ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ शुरू करने जा रही है। इस संबंध में गठित उप समिति की एक बैठक मंगलवार को वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई।
इसमें डा अग्रवाल ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ के अन्तर्गत, पात्र महिलाओं को स्वरोजगार या व्यवसाय स्थापित करने हेतु योजना से लाभान्वित किया जायेगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि इस योजना में पात्र महिला प्रदेश की मूल या स्थायी निवासी होनी चाहिए। दूसरे, वह एकल निराश्रित हो, आयु 21 से 50 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। इसके अलावा, विधवा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध व एसिड हमले से पीड़ित एकल निराश्रित महिला या जिन एकल महिलाओं के बच्चे अविवाहित या अव्यस्क हों।
वित्त मंत्री ने बताया कि योजना को प्रारम्भ में एक वर्ष के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर शुरु किया जायेगा। इसके लिए प्रदेश भर में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जायेगी, जो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्राप्त आवेदनों की स्क्रीनिंग करेगी। योजना के तहत एक वर्ष में प्रदेश की दो हजार पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पात्र महिलाएं कृषि, बागवानी, कुक्कुट पालन, पशुपालन, प्लम्बर कार्य, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एन्ट्री, ब्यूटी पार्लर सम्बन्धी आदि व्यवसायों को शुरु कर सकती हैं।
डा अग्रवाल के अनुसार, योजना में दो लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। जिसमें 75 प्रतिशत अनुदान देय होगा। रुपये दो लाख से अधिक की मांग पर अधिकतम रुपये डेढ़ लाख तक अनुदान देय होगा।
बैठक में उप समिति के सदस्य सचिव चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक डब्ल्यूसीडी प्रशान्त आर्य एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
एकल महिलाओं के लिए जल्द लागू होगी स्वरोजगार योजना
