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सिद्दारमैया ने की कर राजस्व के केंद्र आवंटन की आलोचना

बेंगलुरु : सिद्दारमैया ने शनिवार को केंद्र सरकार के कर राजस्व आवंटन की कड़ी आलोचना की और इसे राज्य के साथ ‘घोर अन्याय’ बताया।
श्री सिद्दारमैया ने सभी कन्नड़ लोगों से एकजुट होने और केंद्रीय धन के हस्तांतरण में भेदभावपूर्ण व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा, “28 राज्यों को आवंटित 1,78,193 करोड़ रूपयों में से कर्नाटक को केवल 6,498 करोड़ रूपये मिले, जो कि एक छोटा सा हिस्सा है। यह स्पष्ट अन्याय जाति, धर्म और राजनीतिक संबद्धताओं से ऊपर उठकर प्रत्येक कन्नडिगा से सामूहिक प्रतिक्रिया की मांग करता है।”
उन्होंने संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए कर्नाटक को अपना उचित हिस्सा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक बहस की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री सिद्दारमैया ने त्योहार के न्याय के प्रतीकवाद और राज्य की वर्तमान स्थिति के बीच समानता बताते हुए कहा, “इस विजयदशमी को निष्पक्षता के लिए हमारी लड़ाई की शुरुआत होने दें।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय खजाने में कर्नाटक का प्रमुख योगदानकर्ता होने के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में राज्य का कर हिस्सा काफी कम हो गया है। उन्होंने अन्य राज्यों की तुलना में विशिष्ट असमानताओं का हवाला देते हुए कहा, “कर्नाटक राष्ट्रीय खजाने में सालाना 4.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है, लेकिन इसे केंद्र को भेजे जाने वाले प्रत्येक रुपये के लिए केवल 15 पैसे मिलते हैं।”

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