अजमेर : राजस्थान में अजमेर स्थिति विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से जुड़े खादिमों की संस्था और वंशज दरगाह दीवान के बीच चले सनातनी नजराने विवाद में अदालत की ओर से नियुक्त कमिश्नर एडवोकेट अजीत पहाड़िया की उपस्थिति में आज दरगाह आस्ताने और परिसर में रखी आठ पीले रंग की पेटियों को खोल कर चढावा राशि गिनती का काम शुरु हो गया।
दरगाह से जुड़ी खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान एवं अंजुमन शेखजादगान तथा दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी की मौजूदगी मे शनिवार सुबह आस्ताने में रखी दो पीली पेटियों तथा दरगाह में रखी अन्य छह पीली पेटियों के तालों को खोला गया तथा जंग लगे तालों को कटर से भी काटा गया । सभी पेटियों को पक्षकारानों की मौजूदगी में एक जगह एकत्रित कर दरगाह कमेटी व अन्य कार्मिकों द्वारा पैसों की गिनती का काम शुरू किया गया, जो शाम तक चलेगा ।
दरगाह की पीली पेटी में आये चढ़ावे की गिनती के बाद अदालत के आदेश पर खाते मे जमा होगा और बाद में अदालत के आदेश पर आधा-आधा यानि अन्जुमनों और दरगाह दीवान में बंट जायेगा।
मूलतः यह सारी प्रक्रिया ‘दरगाह चढ़ावा प्रकरण’ से जुड़े वर्ष 2014 उच्चतम न्यायालय के निर्णय प्रक्रिया के तहत है। तब सुप्रीम कोर्ट ने ही पीली पेटी के निर्देश दिये। पीली पेटी के बाद उसी वर्ष दोनों पक्षों ने ‘फिफ्टी-फिफ्टी’ का समझौता कर लिया , जिससे शीर्ष अदालत को अवगत कराया गया। बीच में अनेकों उतार चढ़ाव के बाद शीर्ष अदालत ने उक्त प्रकरण की विचारण न्यायालय को जमा राशि निस्तारण के निर्देश दिये। उसी की अनुपालना में कोर्ट ने एडवोकेट अजीत पहाड़िया को कमिश्नर नियुक्त कर पेटियों को खोलने के आदेश दिये, जिसकी आज पालना चल रही है। पेटियों से कितनी राशि निकली इसका अन्तिम गिनती के बाद ही पता चल सकेगा।
दरगाह शरीफ में चढ़ावे की पीली पेटियों को खोलने के दौरान एडवोकेट पहाड़िया एवं सहयोगी, अंजुम सदर गुलाम किबरिया, सचिव सरवर चिश्ती, दरगाह कमेटी सहायक नाजिम मोहम्मद आदिल सहित कई लोग उपस्थित थे। खास बात ये है कि विवादों के लिये बदनाम’ खादिमों और दीवान पुत्र प्रतिनिधि में भी सौहार्दपूर्ण वातावरण बना हुआ है।