नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऊधम सिंह नगर जिले की सहकारी समितियों में अध्यक्षों पदों के लिये महिला आरक्षण पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
ऊधम सिंह नगर के खटीमा निवासी प्रकाश सिंह की ओर से दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार ने चार जुलाई 2024 को एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश की सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित कर दिया। कुल 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिये आरक्षित कर दिया गया।
इसी के तहत ऊधम सिंह नगर जिले की 35 सहकारी समितियों में से 12 समितियों के अध्यक्षों पदों को महिलाओं के लिये आरक्षित कर दिया गया। यानी इन पदों पर महिला उम्मीदवारों के लिये चुनाव कराये जा सकेंगे।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सभी समितियां स्वायत्त और स्ववित्तपोषित हैं। सरकार का यह कदम गलत है। इन पदों पर आरक्षण का कोई मायना नहीं है।
यह भी कहा गया कि एक समिति में अध्यक्ष का एक पद मौजूद होता है इसलिये उसे आरक्षित नहीं किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस पुंडीर ने कहा कि अंत में अदालत ने अध्यक्ष पदों के लिये आरक्षण पर रोक लगाते हुए प्रदेश में निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिये हैं।