अजमेर : राजस्थान में अजमेर में बीसलपुर बांध से पानी की ‘अनियमित’ आपूर्ति के चलते हर वर्ष गम्भीर पेयजल समस्या होने का मूल कारण जल वितरण व्यवस्था है।
‘विजन अजमेर संस्था’ की ओर से पेयजल की समस्या एवं समाधान पर रविवार को आयोजित परिचर्चा में आमजन एवं संस्था प्रमुखों ने पानी की समस्या पर यह विचार व्यक्त किये।
जलदाय विभाग से सेवानिवृत्त सुपरिटेन्डेंट इंजीनियर हेमन्त रावत ने आजादी के पूर्व से लेकर अब तक अजमेर में जल वितरण व्यवस्था की चरणबद्ध जानकारी दी। अजमेर में वर्तमान में चल रही योजना का खुलासा किया। उन्होंंने बताया कि अजमेर को करीब 125 एमएलडी पानी जरूरत है जो बीसलपुर परियोजना से सहज उपलब्ध है, लेकिन वितरण व्यवस्था में कई खामियों के कारण जल समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसके लिए व्यापक अध्ययन करके योजना बनाने की आवश्यकता है।
अजमेर के पूर्व जिलाप्रमुख सत्यकिशोर सक्सेना ने स्पष्ट रूप से कहा कि बीसलपुर परियोजना केवल अजमेर के लिए ही बनी थी, बावजूद इसके अजमेर को जितने पानी की आवश्यकता है, उतना मिल रहा है, लेकिन पुरानी पाईप लाईन, रिसाव, स्टोरेज और भौगोलिक स्थिति के अनुरूप वितरण की व्यवस्था में कई खामियां है, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
शहर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता ने कहा कि पानी हर अजमेरवासी की समस्या है, जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी प्रभुसिंह चौहान ने कहा कि नदियों के पानी का भी अजमेर की जल व्यवस्था में उपयोग किया जा सकता है। समुद्र तल के मापदंड का भी ध्यान रख कर बिजली की बचत की जा सकती है।
अजमेर जिला बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष चन्द्रभानसिंह राठौड़ ने कहा कि जब जोधपुर में चरमराई जल व्यवस्था को सुधारा जा सकता है तो अजमेर में भी उसी तर्ज पर व्यवस्था सुधारनी होगी।
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।
अजमेर में वितरण व्यवस्था पानी की किल्लत का मूल कारण