लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चिकित्साकर्मियों से स्वास्थ्य के प्रति लोगों को खासक ग्रामीण अंचल के लोगों को जागरुक करने की अपील करते हुए कहा है कि चिकित्सक स्वस्थ समाज के विकास में अपना अहम योगदान दें।
राज्यपाल आनंदी बेन ने शुक्रवार को यहां स्थित डा राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के द्वितीय स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में उच्च स्वास्थ्य सेवाओं का होना जितना आवश्यक है, उससे अधिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है।
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हमें गांवों तक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का प्रसार करना होगा। इसके लिए निजी स्वयं सेवी संस्थाओं, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को जोड़कर गांव के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है।” राज्यपाल ने कहा बहुत सी गंभीर बीमारियों को यदि प्रारम्भ में ही जान लिया जाये तो उसकी चिकित्सा प्राप्त कर व्यक्ति ठीक हो सकता है। गांववासी जानकारी के आभाव में बीमारी के प्रारम्भिक सामान्य लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं। उन्हें समय पर जानकारी देकर जागरूक किया जा सकता है। इसके लिये उन्होंने चिकित्साकर्मियों से स्वस्थ समाज के विकास में अपना योगदान देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक ही मरीज की आशा का केन्द्र होता है। इसीलिए चिकित्सक को भगवान की संज्ञा भी दी गई है। चिकित्सकों को यह प्रयास करना चाहिए कि हमारे देश में स्वस्थ पीढ़ी का विकास हो, स्वस्थ शिशु जन्म लें माताएं और जननी स्वस्थ रहें। उन्होंने इस दिशा में कार्य करने के लिए चिकित्सकों को प्रेरित करते हुए कहा कि बच्चे को गर्भावस्था से ही स्वस्थ रखने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस दिशा में वृहद सत्रों का आयोजन करके उसमें ग्रामीण प्रतिनिधियों और स्वास्थ कर्मियों की प्रतिभागिता कराकर उचित पोषण, संस्थागत प्रसव, समय-समय पर जांच, स्तनपान की अनिवार्यता, वृद्ध; महिला-पुरूषों की स्वास्थ सम्बन्धी समस्या के सम्बन्ध में जागरूगता तथा उसके निवारण पर जागरूक किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “13 बेड से प्रारम्भ हुआ लोहिया अस्पताल आज 1300 बेड का आयुर्विज्ञान संस्थान है, जो कि प्रशंसनीय प्रगति है, लेकिन हमें यह ध्यान देना होगा कि हमारे समाज में स्वस्थ पीढ़ी का विकास हो और अस्पतालों की आवश्यकता कम हो।” इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा चिकित्सा एवं स्वास्थय मंत्री बृजेश पाठक भी उपस्थित थे। उन्होंने चिकित्सकों को गरीब जनता की समर्पण भाव के साथ चिकित्सा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को पृथ्वी पर कष्ट से मुक्ति दिलाने वाले भगवान की संज्ञा दी गई है और हम इस संस्थान में प्रत्येक चिकित्सक गरीब जनता का भगवान है। हम सबका उद्देश्य जनता को निस्वार्थ भाव से सेवा देना होना चाहिए।