नई दिल्ली | लोकसभा में आज बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
लोकसभा में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर का बजट पेश कर दिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास लिए और अधिक फंड के डिमांड को मंजूरी दी। इससे पहले वित्त मंत्री ने जम्मू- कश्मीर के विकास में होने वाले खर्चों को लेखा-जोखा पेश किया।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू – कश्मीर का ये तीसरा बजट है। इससे पहले 7 मार्च 2021 को प्रदेश का दूसरा बजट पेश किया गया। धारा 370 और 35 हटने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहला बजट फरवरी 2020 में पेश किया था।
जम्मू-कश्मीर के लिए सरकार 35,581 करोड़ रूपये की घोषणा पहले ही कर चुकी है
इससे पहले 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश के सामने आम बजट पेश किया। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के लिए 35,581.44 करोड़ रूपये की घोषणा पहले ही कर चुकी है। वहीं, संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए 33 हजार करोड़ से ज्यादा केंद्रीय सहायता मिलनी बाकी है । केंद्र सरकार के तरफ से डल झील पुनर्वास के लिए 273 करोड़, केंद्र शासित प्रदेश डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड में सहयोग के लिए 279 करोड़ मिलने हैं। केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद सरकार जम्मू-कश्मीर को विकसित करने लिए कई कार्यक्रम करा चुकी है। इनमें बैक टु विलेज कार्यक्रम भी शामिल है। बैक टु विलेज कार्यक्रम के तहत गांव के विकास के लिए पंचायतों को पर्याप्त पैसा दिया जाएगा। साथ ही इसमें कृषि पर भी जोर रहेगा। प्रदेश में कई प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत पहले ही चल रही है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव की घोषणा पहले ही हो चुकी हैं।
फरवरी 2020 में जम्मू-कश्मीर का पहला बजट
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 हटाया गया। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर, केंद्रशासित प्रदेश के रूप में आस्तित्व में आया। केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद फरवरी 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर का पहला बजट पेश किया | केंद्रीय बजट 2020- 2021 में जम्मू-कश्मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया था। बजट की शुरुआत वित्त मंत्री ने एक कविता सुनाकर की थी। वित्त मंत्री ने कहा था, एक कश्मीरी कविता से शुरुआत कर मैं अपना भाषण आगे बढ़ाना चाहूंगी- हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।