नयी दिल्ली : केन्द्रीय शहरी विकास तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए मशीनीकृत समाधान, ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण आदि स्टार्टअप्स को नवाचार और उद्यम विकास के लिए बड़े अवसर प्रदान करते हैं।
श्री पुरी ने स्वच्छता स्टार्ट-अप चुनौती के अंतर्गत चुने गए स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करते करते हुए स्वछता को बढ़ावा देने की दिशा में समाधान खोजने में शामिल स्टार्ट-अप को सभी सहायता और सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) ने एएफडी (एजेंसी फ़्रेंकाइसे डि डिवलमपमेंट) और उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सहयोग से 27 जनवरी, 2022 को स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज शुरू किया है जिससे अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में विकास स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए एक समर्थन करने वाले वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।
इस स्वच्छता स्टार्टअप चुनौती के अंतर्गत चार विषयगत क्षेत्रों, जैसे सामाजिक समावेशन, शून्य डंप (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन), प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और पारदर्शिता (डिजिटल सक्षमता) के अंतर्गत कचरा प्रबंधन क्षेत्र में स्टार्टअप्स से समाधान मांगे गए थे।
इस चुनौती का उद्देश्य स्टार्टअप्स के 10 विजेता समाधानों को प्रति चयनित परियोजना के लिए 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और एक वर्ष की सहायता प्रदान करना है। इसके अलावा, पात्र स्टार्टअप्स को अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलेगा जिसमें विलग्रो (चैलेंज के लिए कार्यान्वयन भागीदार) से 50 लाख रुपये तक का निवेश और प्रौद्योगिकी भागीदार एमेज़ोन वेब सर्विसेज से 100,000 अमरीकी डालर तक का क्रेडिट और प्रौद्योगिकी सहायता प्राप्त करना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि इसके अंतर्गत कुल 244 समाधान प्राप्त हुए थे। जिसमें से शीर्ष 10 को मंगलवार को सम्मानित किया जाएगा। इसमें स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज के सभी स्टार्टअप्स, स्थापित स्टार्टअप, निवेशक, क्षेत्र के पार्टनर, उद्योग विशेषज्ञ, 10 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले शहरों के नगर आयुक्त, डीपीआईआईटी, केन्द्र सरकार, एफ़सीआईआई, सीआईआई और अन्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।