दिल्ली और मुंबई में अगले महीने से सीएनजी और पीएनजी के दामो में वृद्धि देखने को मिल सकती है। जिसके बाद आम आदमी के ऊपर एक बार फिर से महंगाई का बोझ बढ़ जाएगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई है जिसके बाद अक्टूबर माह में गैस के दाम 76 फीसदी बढ़ सकते है।
सरकार के द्व्रारा नई घरेलू गैस नीति 2014 के अनुसार हर छह महीने में गैस के दामों की समीक्षा होती है जिस कारण 1 अक्टूबर को नए दामों पर फैसला लिया जाएगा। इसके बाद अगली समीक्षा अप्रैल 2022 में होगी। गैस के दाम बढ़ने से आम नागरिकों पर महंगाई का प्रभाव पड़ेगा, व्यापारिक ट्रांसपोर्ट महंगा हो जाएगा और पेट्रोल की मार के बाद अब जनता को सीएनजी से वाहन चलाना भी महंगा पड़ेगा साथ ही गरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पीएनजी गैस महंगी होने से घरेलू बजट बिगड़ेगा।
हर छिमाही में बढ़ेगी कीमत
माना जा रहा है मैट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) की दर 1 अक्टूबर से अगली अप्रैल 2022 की समीक्षा तक 3.15 यूएस डॉलर प्रति मिलियन होगी जो वर्तमान में अभी 1.79 यूएस डॉलर है। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े बीपी पीएलसी और केजी-डी6 के प्लांट्स से उत्पादित गैस की दरें भी 7.4 डॉलर प्रति थर्मल यूनिट हो जाएगी।
शहरो में गैस सप्लाई करने वाले गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स अन्तराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी कीमतों के अनुसार अक्टूबर माह में 10-11 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेंगे। इसके बाद अगले साल अप्रैल माह से अगले छह महीनों के लिए 5.93 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो जाएगी। आगे भी इसी तरह अक्टूबर 2022 तक यह कीमत 7.65 यूएस डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो जाएगी।
50 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि की संभावना
इस तरह हम कह सकते है कि जब अन्तराष्ट्रीय बाजार में 2023 की दूसरी छिमाही में जब कीमत 7.65 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू होगी तो इस हिसाब से भारतीय आईजीएल- एमजीएल को अक्टूबर 2021 से अक्टूबर 2022 में 49-53 फीसदी की बढौतरी करनी ही होगी।