भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच आज पशुओं के मुफ्त टीकाकरण किए जाने की घोषणा की। श्री चौहान ने इस वायरस के संबंध में ली गई एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए ये बात कही। इसके पहले उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज की तारीख तक इससे प्रभावित पशुओं की संख्या सात हजार 686 है। वायरस के कारण मृत पशुओं की संख्या 101 और स्वस्थ होने वाले पशुओं की संख्या पांच हजार 432 है।
उन्होंने कहा कि लंपी वायरस पशुओं में कोविड सरीखा ही वायरस है और इसके खिलाफ वैसी ही लड़ाई लड़नी होगी, जैसी कोविड के खिलाफ लड़ी थी। इस वायरस को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गौ-सेवक, जनप्रतिनिधि और समाज के बाकी लोग, सभी को मिलकर इस बीमारी को रोकना है। हम करणीय कार्यों पर विचार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि उसके बाद वे जनता के नाम एक अपील जारी करेंगे कि इस विषय में सावधानी रखना है। अब यह 26 जिलों में है, तो बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।
श्री चौहान ने कहा कि इसे बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। पड़ोसी राज्यों में जिस तरह गाय और बाकी पशुओं की मृत्यु हुई, वह दृश्य सामने आए हैं, किसी भी कीमत पर हमें उस स्थिति को पैदा नहीं होने देना है। उन्होंने कहा कि यह एक तरीके से पशुओं में कोविड जैसा ही है। ये मक्खी, मच्छरों, आपस में मिलने से, साथ रहने से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। इसको लेकर गंभीर चिंता की जरूरत है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायों की जानकारी पशुपालकों को दी जाए, ग्राम सभा बुलाकर भी सूचित करें। गौ शालाओं में टीकाकरण हो। वायरस के प्रति जागरूक करें। संक्रमित पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित किया जाए। इस रोग के प्रमुख लक्षण संक्रमित पशु को हल्का बुखार होना, मुँह से अत्यधिक लार तथा आंखों एवं नाक से पानी बहना, लिंफ नोड्स तथा पैरों में सूजन एवं दुग्ध उत्पादन में गिरावट, गर्भित पशुओं में गर्भपात एवं कभी-कभी पशु की मृत्यु होना और पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 02 से 05 सेंटीमीटर आकार की गठानें बन जाना हैं।
इसकी रोकथाम के लिए संक्रमित पशु / पशुओं के झुण्ड को स्वस्थ पशुओं से पृथक रखना, कीटनाशक और विषाणु नाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को नष्ट करना, पशुओं के आवास- बाड़े की साफ सफाई रखना, संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं के आवागमन को रोका जाना, रोग के लक्षण दिखाई देने पर अविलंब पशु चिकित्सक से उपचार कराना और क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप थमने तक पशुओं के बाजार, मेले आयोजन तथा पशुओं के क्रय-विक्रय आदि को रोकना जैसे उपाय आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण भी आवश्यक है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा प्रदेश में रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अलर्ट जारी कर विशेष सतर्कता रखी जा रही है। संक्रमित क्षेत्रों तथा जिलों में पशुओं का सघन टीकाकरण तथा चिकित्सा कार्य किया जा रहा है। पशुओं में लंपी स्किन रोग के लक्षण दिखाई देने पर निकटतम पशु औषधालय, पशु चिकित्सालय में संपर्क करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश पर भोपाल में राज्य स्तरीय रोग नियंत्रण कक्ष के दूरभाष क्रमांक जारी किए गए। संबंधित पशुपालक 0755-2767583 या टोल फ्री नंबर 1962 पर संपर्क कर सकते हैं।