महंगाई की मार से आम आदमी तो क्या विक्रेता वर्ग के लोग भी परेशान है। लगातार बढ़ रही महंगाई ने इनका बजट भी बिगाड़ दिया है। पहले जो काम कम कींमत में हो जाता था अब उसकी दोगुनी कीमत चुकानी पड़ रही है। कई विक्रेता बड़ी मुश्कील से ही अपनी दैनिक कमाई कर पा रहे है। मुरादाबाद, आज़ादपुर, नासिक, कोलापुर, जयपुर की सब्जी मंडी के विक्रेताओं की सबसे बड़ी समस्या फिलहाल महंगाई ही है। मंडी विक्रेताओं से जब बढ़ते भाव से सम्बंधित मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे बहुत मुश्किल समय बताया।
विक्रेताओं ने बताया कि पेट्रोल के दाम बढ़ जाने के कारण फल व सब्जी विक्रेताओं को बड़ा घाटा हो रहा है, एक तरफ तो पेट्रोल की कीमत बढ़ने से हमारी परिवहन लागत पहले से ज्यादा बढ़ गई है वहीं दूसरी और मांग में भी लगातार गिरावट आई है जिस कारण दोहरी मार हमारे ऊपर पड़ रही है। पहले अमरुद का एक टोकरा 800-900 रूपये में बेचा जाता था जो कि कम मांग के कारण अब 150 से 200 रूपये प्रति टोकरा बिक रहा है।
एक अन्य विक्रेता ने बताया कि परिवहन लागत में बढौतरी होने के कारण हमे केले ज्यादा कीमत पर मिल रहे है लेकिन कम मांग होने के कारण उन्हें कम कीमतों पर बेचना पड़ रहा है। पहले एक वाहन की परिवहन लागत 10 हजार रूपये आती थी लेकिन महंगाई बढ़ने के कारण यह लागत अब 20 हजार रूपये आती है।