कुशीनगर : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के सीमावर्ती इलाके में स्थित बांसी धाम में व्यवस्था परिवर्तन की पहल विधायक मनीष जायसवाल ने शुरू कर दी है। सदर विधायक ने उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा से लगे बांसी धाम को राज्यस्तरीय मेला स्थल घोषित किये जाने की मांग विधानसभा में उठायी है।मेला स्थल घोषित करने के लिए शासन ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। जिलाधिकारी बांसी धाम को लेकर रिपोर्ट तैयार कराने में जुटे हैं। शनिवार को बारिश के बीच लेखपाल मौके पर पहुंच भौतिक सत्यापन करने में लगे रहे।
बांसी का यह क्षेत्र भगवान राम और उनसे जुड़े संस्मरण विभिन्न समयए काल और स्थान से जुड़े हुए हैं। मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम वन के लिए निकले तो उन्होंने यहीं पर विश्राम किया। सुबह स्नान के बाद भगवान श्रीराम शिव की आराधना की और यहां से आगे के लिए निकल गए। रामघाट के नाम से प्रसिद्ध बांसी धाम अब अपने अस्तित्व की तलाश में है। विशुनपुरा ब्लॉक के जंगल सिंघापट्टी गांव के समीप से होकर बांसी नदी बिहार निकल जाती है।
पिछले वर्ष सांसद विजय कुमार दुबे के साथ डीएम से लेकर जिले के सभी अफसर बांसी नदी के तट पर पहुंचे थे। एसडीएम की अगुवाई में खड्डा ब्लॉक के कटाई भरपुरवा से लेकर बांसी धाम तक पैमाइश कर नक्शा बनाया गया। कुछ दिन पूर्व सदर विधायक मनीष जायसवाल ने सदन में बांसी नदी की सफाई और इसे राज्य स्तरीय मेला स्थल घोषित करने की मांग की। उनकी पहल पर शासन के अनु सचिव महावीर प्रसाद ने तीन बिंदुओं पर जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। शासन से मिले पत्र के बाद जिलाधिकारी भी रिपोर्ट तैयार कराने में जुटे हुए हैं।
इस संबंध में पडरौना सदर विधायक मनिष जायसवाल ने बताया कि बांसी धाम को पर्यटन के रूप में विकसित करने की जा रही है। नगर विकास मंत्री व पर्यटन मंत्री को पत्र देकर बांसी धाम को संवारने की मांग की गई थी। सदन में भी मामला उठाया है। शासन की ओर से डीएम को पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। सदर विधायक की इस पहल को देखकर आमजन के बीच “ सौ काशी की एक बांसी ” कहावत वाली पौराणिक बांसी नदी और इस धाम के दिन जल्द ही बहुरने की उम्मीद जगने लगी है।