प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर चिंता जाहिर की है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामलो में वृद्धि दर्ज की गई है। इस मामले में महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य मुख्य रूप से जरुरी है जहाँ एक बार फिर से कोरोना के केस की संख्या बढ़ी है। यह स्तिथि बिलकुल वैसी ही है जैसे फरवरी के शुरुआत में कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हो गए थे। इसलिए जिन भी राज्यों में हाल ही में कोरोना के मामलों में बढ़ौतरी देखने को मिल रही है उन राज्यों को विशेष ध्यान देना होगा। स्तिथि को नियंत्रण में करना जरुरी है क्योंकि वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के आने की चेतावनी पहले ही दे रखी है। पीएम ने वैज्ञानिकों का हवाला देते हुए कहा कि लम्बे समय तक लगातार केस बढ़ने से कोरोना वायरस के म्यूटेशन की संभावना बढ़ जाती है और वायरस लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है।
इन स्तिथियों से निपटने के लिए सभी राज्य सरकारों को मिल जुल कर काम करना होगा। कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काबू करने के लिए ट्रेस , ट्रैक, ट्रीट, और टीकाकरण की नीति अपनानी होगी। उसके अलावा जिन क्षेत्रों में ज्यादा कोरोना केस आ रहे है वहां उन इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाई जानी चाहिए और वैक्सीन लगनी चाहिए। माइक्रो कन्टेनमेंट जोन एक ऐसा प्रभावी तरीका है जो कोरोना को काफी हद तक रोकने में सफल हो सकता है। अगर पहले ही ऐसे कन्टेनमेंट जोन बना दिए जाए तो कोरोना को बड़े स्तर पर फैलने से रोका जा सकता है। कोरोना के लिए राज्यों को इनफार्मेशन सिस्टम और बेहतर करने की जरुरत है जिससे लोगों को इन्टरनेट और कॉल सेंटर के द्वारा प्रयाप्त जानकारी मिल सके।
इसके अलावा सभी राज्यों को अपना हेल्थ सिस्टम मजबूत करने की जरुरत है ताकि जरुरत के समय रोगियों को आईसीयू और बेडस की उपलब्धता पर्याप्त रूप से मिले। पीएम मोदी ने कहा की केंद्र की और से राज्यों के लिए फंड से सम्बंधित जरुरी मदद लगातार दी जा रही है और आगे भी दी जाएगी। ग्रामीण इलाकों के लिए स्तिथियों को काबू करने के लिए ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है इसलिए उन क्षेत्रों पर भी ध्यान देना जरुरी हो जाता है।