एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर हुए हमले के बाद राज्यसभा में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने इस मामले पर घटना की जानकारी सदन की सामने रखी. इस मामले के बाद केद्र सरकार द्वारा असदुद्दीन ओवैसी को जेड प्लस सुरक्षा भी दे दी गई थी लेकिन एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने जेड प्लस सुरक्षा को लेने से मना कर दिया. अब एक बार फिर से केंद्र सरकार की तरफ से ओवैसी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा लेने के लिए अनुरोध किया गया है. अमित शाह ने कल कहा कि हम आपसे अनुरोध करते है कि आप अपनी सुरक्षा के लिए केद्र द्वारा दी गई सुरक्षा तत्काल स्वीकार कर लीजिये. केंद्र सरकार की तरफ से ओवैसी को एक बुलेट प्रूफ कार और सीआरपीएफ की जेड प्लस श्रेणी सुरक्षा देने का फैसला लिया गया था.
इस घटना के बाद से ही असदुद्दीन ओवैसी केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यावस्था पर सवाल खड़े कर रहे थे और दोषियों पर कार्यवाही के लिए केंद्र सरकार से जांच की मांग कर रहे थे. उन्होंने सरकार के ऊपर इस घटना पर संसद में जवाब देने के लिए दबाव बनाया. केंद्र सरकार की तरफ से अमित शाह ने इस मामले में जावाब देते हुए कहा कि 3 फरवरी को ओवैसी के किसी भी कार्यक्रम की जानकारी क्षेत्रीय जिला अधिकारी को पहले से नही थी ओवैसी का कार्यक्रम अचानक बना.
अमित शाह ने कहा पहले भी ख़तरे की जानकारी मिलने के बाद कई बार उनको सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिश दिल्ली एवं तेलंगाना पुलिस के द्वारा की गई थी लेकिन ओवैसी के सुरक्षा ना लेने के फैसले के कारण ऐसा नही हो पाया.
ओवैसी पर 3 फरवरी की शाम को कुछ बन्दूकधारियों ने उनके काफिले पर फायरिंग की थी. इस दिन ओवैसी मेरठ से दिल्ली वापस आ रहे थे. अचानक छिजारसी टोल प्लाजा पर हुई इस फायरिंग में उनकी कार पर कई फायरिंग हुई और सीसीटीवी फूटेज में भी फायरिंग करते हुए क्रिमिनल दिखाई दे रहे है. गाडी की बॉडी पर कुछ गोलियों के निशान भी मिले इस घटना में ओवैसी बाल-बाल बचे. इस मामले में पुलिस की तरफ से अभी दो गिराफ्तारियाँ हो चुकी है जिनके पास से पिस्तौल और एक आल्टो कार बरामद हुई थी.