समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को एमपी/एमएलए कोर्ट में 12 नवम्बर को हुई पेशी में उम्रकैद की सजा सुनाई है। उनके साथ अपराध में शामिल उनके दो अन्य सहयोगी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ल को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। गायत्री प्रसाद प्रजापति के ऊपर साल 2017 से चित्रकूट की एक महिला के साथ बलात्कार और उसकी बेटी के साथ अश्लीलता के आरोप में पोक्सो एक्ट के तहत केस चल रहा था।
प्रजापति पर आरोप लगा था कि खनन पट्टे दिलाने के नाम पर प्रजापति और उसके सहयोगियों ने दुष्कर्म को अंजाम दिया था। विशेष कोर्ट के अनुसार दोषियों का अपराध बेहद गंभीर और समाज पर व्यापक असर डालने वाला था। लगातार चल रही सुनवाई के बाद 10 नवम्बर को एमपी/एमएलए कोर्ट ने अपने पास फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद 12 नवम्बर को कोर्ट ने अपने आदेश से यह साफ़ कर दिया कि फैसले के बाद प्रजापति और उसके सहयोगी अपने आगे का जीवन जेल में ही गुजारेंगे। कोर्ट ने सभी आरोपियों के ऊपर 2-2 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने सुनाई सजा
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश पवन कुमार राय के द्वारा की जा रही थी। आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में अदालत लाया गया जिसके बाद आरोपियों ने न्यायधीश से अपने लिए कम सजा देने की गुजारिश की। पीड़ित पक्ष की और से मौजूद वकील रमेश शुक्ल और सच्चिदानंद राय ने प्रजापति और उनके साथ दो आरोपित दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हुए उम्रकैद की मांग की।
प्रजापति पर पीड़ित महिला की तरफ से 18 फरवरी 2017 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी जिसके बाद उन्हें उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ़्तारी के बाद से ही गायत्री प्रसाद प्रजापति अभी तक जेल में बंद थे और उनका मुकदमा एमपी/एमएलए की विशेष अदालत में चल रहा था।
बलात्कार के आरोप में सजा भुगतने के अलावा उन पर खनन घोटाले और आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में भी सीबीआई और ईडी के द्वारा जांच चल रही है। यह जांच जल्द ही पूरी होने की संभावना है जिसके बाद अगर उस मामले में भी प्रजापति दोषी सिद्ध हो जाते है तो उनकी मुश्किले और बढ़ सकती है।