नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घरेलू कागज उद्योग को बढ़ावा देने और विदेशों से सस्ता माल पटने की चिंता को दूर करने के लिए 01 अक्टूबर, 2022 से अखबारी कागज, हस्तनिर्मित कागज, वॉलपेपर बेस, कार्बन कागज, परत चढ़े कागज और बिना परत चढ़े कागज जैसे कई कागजों के आयात के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा,’ प्रमुख कागज उत्पादों के आयात की ‘मुक्त’ नीति को बदलकर कागज आयात निगरानी प्रणाली के अंतर्गत अनिवार्य पंजीकरण के शर्त के साथ मुक्त कर दिया गया है।’
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर 201 तरह के कागजों के आयात को अनिवार्य पंजीकरण की सूची में रखा है। बयान के अनुसार इन कागजों में करेंसी, बैंकों के बॉन्ड और चेक कागज, प्रतिभूतियों की छपायी के कागजों को नयी पाबंदी से मुक्त रखा है। मंत्रालय ने कहा कि घरेलू कागज उद्योग विदेशों से सस्ते कागज की डंपिंग की शिकायत करता रहा है। बयान में कहा गया कि कागज के आयात की नीति में संसोधन से मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।