•दागी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज होते ही दे देते हैं क्लीन चिट
•दुर्गेश पाठक को क्लीन चिट देने से पहले सिसोदिया गिरेबान में झांकें
नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों को नसीहत दी है कि वे दागी नेताओं को क्लीनचिट देने की बजाय कानून को अपना काम करने दें। वे अपने आपको अदालत से भी ऊपर साबित करने की कोशिश न करें। आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता के खिलाफ जांच शुरू होते ही अपने नेताओं को पाक-साफ कहना शुरू कर देते हैं। वे अदालतों के फैसले का इंतजार करें और सम्मान करें।
बिधूड़ी ने कहा कि ऐसे एक नहीं बल्कि दस मौके आ चुके हैं जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने शोर मचा-मचाकर आरोपी आप नेता को क्लीन चिट दी है। ईडी ने विधायक दुर्गेश पाठक को नोटिस जारी किया तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। अभी तो सिसोदिया के खिलाफ खुद ही सीबीआई जांच चल रही है लेकिन वह अपने गिरेबान में झांकने की बजाय दूसरों को ईमानदारी का सर्टीफिकेट जारी कर रहे हैं। अगर ईडी ने नोटिस जारी किया है तो कम से कम जांच तक का तो इंतजार करें।
उन्होंने कहा कि ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान की गिरफ्तारी होते ही मुख्यमंत्री केजरीवाल समेत सभी आप नेताओं ने उन्हें क्लीन चिट दे दी, जैसे कानून, पुलिस और अदालत सबकुछ गलत कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपने कानून मंत्री जितेंद्र तोमर को भी ऐसी ही क्लीन चिट दी थी। यही नहीं, तब उन्होंने अपने आपको एक्सपर्ट भी बताने की कोशिश की थी और कहा था कि मैंने जितेंद्र तोमर की डिग्री देख ली है और वह असली है जबकि वह फर्जी साबित हुई।
इसके बाद भी यह सिलसिला लगातार बना हुआ है। सोमनाथ भारती पर उन्हीं की पत्नी ने घरेलू हिंसा के आरोप लगाए तो भी उन्हें क्लीन चिट दी गई। आप सरकार के खाद्य मंत्री संदीप कुमार द्वारा राशन कार्ड बनाने का झांसा देकर एक गरीब महिला से रेप करने का मामला हो या फिर मंत्री असीम अहमद पर बिल्डर माफिया से सांठगांठ का आरोप हो, इन नेताओं को केजरीवाल ने क्लीन चिट देने में देर नहीं लगाई।
आप के निगम पार्षद ताहिर हुसैन के मामले में तो पूरी आम आदमी पार्टी उसे निर्दोष बताते हुए अभियान चलाती रही लेकिन वह यमुनापार के दंगों की साजिश में किस तरह शामिल थे, यह सच्चाई सामने आ चुकी है। अखिलेश त्रिपाठी और संजीव झा को तो अदालत ने दोषी करार दिया है लेकिन केजरीवाल उन्हें भी निर्दोष बताते रहे हैं। सत्येंद्र जैन की जमानत भी नहीं हो पा रही लेकिन उन्हें क्लीन चिट देते हुए केबिनेट से भी नहीं हटाया गया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर जितने घोटालों के आरोप हैं, उनकी जांच से पहले ही केजरीवाल उन्हें पाक-साफ बता चुके हैं।
बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना नहीं जानते और अब उन्होंने अदालतों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा है कि अब जनता में साबित हो चुका है कि कट्टर ईमानदार पार्टी का दावा खोखला है और अब यह कट्टर बेइमान पार्टी बन चुकी है। ऐसे में केजरीवाल जब अपने किसी दागी नेता को क्लीन चिट देते हैं तो उन्हें सहानुभूति मिलने की बजाय उनकी जगहंसाई ही होती है।