नासा के पर्सिवेयरेंस रोवर ने मंगल पर सफलतापूर्वक एक चट्टान का सैंपल इकठ्ठा किया. रोवर ने सैम्पल की जांच करके इसे एक सीलबंद ट्यूब में सुरक्षित कर लिया है. मंगल की चट्टान का ये टुकड़ा पहला सैम्पल है जिसको किसी रोवर द्वारा इकठ्ठा किया गया है
नासा के रोवर को इस तरह के 30 और सैम्पल एकत्रित करने है जिसमे से यह पहला है और आने वाले समय में नासा 2030 तक अन्य मंगल मिशनों के द्वारा इन नमूनों को धरती पर वापस लाएगा. धरती पर लाने के बाद इन नमूनों में मौजूद मंगल के शुक्षम जीवों का अधयन्न किया जाएगा और वैज्ञानिक मानवों को मंगल पर बसाने के लिए मुख्य जानकारी हासिल कर पाएंगे
रोवर ने सैम्पल जुटाने के लिए मंगल की सतह पर 1 सितम्बर को ड्रिल किया था जिसके बाद रोवर के द्वारा कुछ तस्वीरें भेजी गयी लेकिन वह तस्वीरें साफ़ नही थी इसलिए नासा को शंका थी कि क्या रोवर ने ठीक से सैम्पल को एकत्र किया है या नही जिसके बाद एक सही समय पर जब सूरज की रौशनी ज्यादा थी उस समय रोवर ने दोबारा तस्वीरें भेजी. नई तस्वीरें साफ़ थी जिसके बाद नासा ने पुष्टि की कि उन्होंने सैम्पल को सही सलामत इकठा कर लिया है .

नासा ने पर्सिवेयारेंस रोवर के इस कारनामे को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है. नासा का बनाया गया यह रोवर अब टक्का सबसे जटिल रोवर है जिसमे 3000 पार्ट्स लगे हुए है. सैम्पल इकठ्ठा करने के लिए इस रोवर ने एक ब्रीफकेस के आकार की एक चट्टान को चुना जिसका नाम रौशेट था. इस चट्टान को इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें बैडरॉक की प्राचीन परत मौजूद है. सैम्पल इकठ्ठा करने के लिए नासा का पर्सिवेयरेंस रोवर अपने 7 फूट लम्बे रोबोटिक आर्म से चट्टान में ड्रिल करता है.
नासा ने अपने इस रोवर को जेजेरों नाम के एक क्रेटर में उतारा था क्योंकि वैज्ञानिकों की यह आशंका थी कि इस क्रेटर में पहले पानी और पुराने जीव मोजूद रहे होंगे जिनके साक्ष्य आज भी इस क्रेटर से जुटाएं जा सकते है. अपने इसी मिशन को पूरा करते हुए नासा का पर्सिवेयारेंस रोवर इस क्रेटर में लगभग 2.5 किमी का सफ़र तय करेगा और कई तरह के अन्य और सैम्पल भी एकत्रित करेगा.