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बीमारू राज्य से आदर्श राज्य बना उत्तर प्रदेश : आचार्य देवव्रत

लखनऊ : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था दुरुस्त करने और विकास की गति को तेज करने का श्रेय राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए कहा कि योगी सरकार के साढ़े पांच साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य से आदर्श राज्य में तब्दील हो गया है।
आचार्य देवव्रत ने गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि विकास और सुरक्षा सहित लगभग सभी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी, राज्य के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री दिनेश प्रताप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राज्यपाल देवव्रत ने कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश से लोग अब बाहर नहीं जाना चाहते हैं, क्योंकि पांच साल में उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य से आदर्श राज्य के रूप में बदला है।”
इस अवसर पर योगी ने धरती और गौ माता को बचाने का सफल अभियान चलाने के लिए आचार्य देवव्रत का अभिनन्दन करते हुए कहा कि गौआधारित प्राकृतिक खेती काे प्रयोग में लाने के अभियान का मकसद इस धरती के वास्तविक स्वरूप को बचाये रखना है। उन्होंने कहा कि भारत, कृषि प्रधान देश है और कृषि का आधार गौवंश रहा है।
योगी ने कहा, “आधुनिक तकनीकी के आने के पहले, खेती किसानी की पुरातन पद्धति को अगर देखें तो जानेंगे कि हमारा कृषक इसी गौवंश पर निर्भर था। औद्योगिक क्रांति के बाद, खेती का पराभव भी शुरू हुआ। इसमें कोई दो राय नहीं कि आज़ादी के बाद हमें खाद्यान्न उत्पादन में बहुत सफलता मिली, लेकिन बहुत दुष्परिणाम भी प्राप्त हुए। ग्लोबल वाॅर्मिंग इसका ज्वलंत प्रमाण है।”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जनता दर्शन कार्यक्रम में उनके पास आने वाले लोगों में तमाम बीमारियों के पीड़ित भी शामिल होते हैं। यह स्थित रहन सहन और खानपान के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। उन्होंने कहा, “ये वही बात है कि हमने खाद्यान्न क्षेत्र में क्रांति तो की, लेकिन हजारों बीमारियां भी पा लीं। इसीलिए हमको प्राकृतिक खेती की जरूरत है। इसका गौ-आधारित होना, इसकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को एक मिशन मोड से जोड़ा है। यूनियन बजट में इसका फंड रखा है। इसी मार्ग पर बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश में गौआधारित प्राकृतिक खेती के लिए बुंदेलखंड में बजट भी रखा है। इस क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में गंगा के तटवर्ती क्षेत्रो में गौ-आधारित खेती को प्रोत्साहित करते हुए इसके लिए 27 जनपदों का चयन भी किया है। इसके लिये 1200 से ज्यादा कलस्टर भी बनाये जा रहे हैं। इनमें से 23 जनपदों के 39 विकास खंडों में प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए तेजी से कदम बढ़ाये गये हैं। इसे आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिये कृषि विभाग को कहा गया है कि प्रदेश के चार कृषि विश्वविद्यालयों में लैब स्थापना की जाये।

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