प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का उनके भारत आगमन पर राष्ट्रपति भवन में विशेष स्वागत किया। डेनमार्क की प्रधानमंत्री का यह भारत दौरा 9 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेगा। अपने आगमन पर डेनमार्क राष्ट्र प्रमुख मेटे फ्रेडरिक्सन राजघाट पर महात्मा गाँधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने भी गई। भारत और डेनमार्क के राष्ट्र प्रमुखों की द्विपक्षीय वार्ता आज दिल्ली के हैदराबाद भवन में आयोजित की गई है।
ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप है द्विपक्षीय मुलाक़ात का मुद्दा
पिछले साल 2020 में नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन की बीच हुई वर्चुअल समित के माध्यम से आपसी वार्ता हुई थी जिसमे दोनों देशों ने पोस्ट कोविड के दौरान दोनों देशों के आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने की चर्चा की थी। इस चर्चा में दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ की आधारशिला रखी थी। जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्याओं का समाधान निकालने के लिए दोनों देशों की यह रणनीतिक साझेदारी एक स्थायी विकास देने के लिए बहुत उपयोगी है।
इस साझेदारी के माध्यम से दोनों देश मिलकर अपने सतत विकास के लिए ग्रीन एनेर्जी के स्त्रोत, ग्रीन टेक्नोलॉजी, पर्यावरण के अनुकूल वाटर एन वेस्ट मैनेजमेंट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी में भागीदारी, ग्रीन निर्माण के माध्यम से स्मार्ट सिटी के विकास और समुद्रीय क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए शिपिंग व्यापार का प्रबंध।
दोनों ही देश के आपसी आयात-निर्यात एक दुसरे देश के व्यापारिक हितों के लिए बहुत उपयोगी है। भारत ने डेनमार्क की कई कम्पनियों को मेक इन इंडिया के तहत भारत में निमंत्रण दिया है। जिसके फलसवरूप डेनमार्क की 200 कम्पनियां भारत में व्यापारिक गतिविधियों में अपनी भूमिका अदा कर रही है इसके साथ ही भारत की लगभग 60 कम्पनियां भी डेनमार्क में मौजूद है।
आज होने वाली इस द्विपक्षीय मुलाक़ात का मकसद पहले से चले आ रहे हरित रणनीतिक समझौतों को और मजबूती देना होगा जिसके माध्यम से दोनों देश मिलकर तकनीकी एवं आर्थिक विकास के लिए बेहतर रोडमैप तैयार करेंगे और इस तरह के क़दमों से वैश्विक जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों के द्वारा लिया गया सकारात्मक कदम होगा। साथ ही दोनों देश अपने सामरिक हितों की रक्षा के सम्बन्ध में आपसी चर्चा करेंगे।