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जल्द होगी रिलीज: “चौरी-चौरा” फिल्म

1922 pratikar chauri chura film lead role cast

स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े कई तथ्यों और किरदारों पर सिनेमा जगत में कई फिल्मों का निर्माण तो आज़ादी के बाद से ही होता आ रहा है। इन फिल्मों में भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्र शेखर आज़ाद, रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पाण्डेय, भीमराव आंबेडकर महात्मा गांधी, जैसे किरदारों को फिल्माया गया है। हाल ही में स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ी एक और फिल्म “1922 प्रतिकार : चौरी-चौरा” का निर्माण हो रहा है जो कि बहुत जल्द फ़िल्मी परदे पर दिखाई देगी। इस फ़िल्म के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानी भगवान अहीर के बलिदान की कहानी लोगों तक पहुंचेगी। भगवान अहीर ओर उनके समर्थकों ने ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध चौरी-चौरा में जनक्रांति की एक नई मिसाल रखी थी। फ़िल्म चौरी-चौरा घटना से जुड़े अनसुने पहलुओं पर निर्मित की गई है जिसकी जानकारी हर भारतवासी को पता चले ऐसी फ़िल्मनिर्माताओं की चेष्ठा है। चौरी-चौरा की घटना को आज भी ब्रिटिश हुकूमत की पुलिस चौकी फूंके देने से जाना जाता है लेकिन असल मे इसके सही तथ्यों को ब्रिटिश साम्राज्य की और से दबाने का प्रयत्न किया गया है। चौरी चौरा में फिरंगियों द्वारा जलियावाला बाघ जैसी साजिश से पर्दा उठाने वाली इस फिल्म को वैश्विक स्तर पर रिलीज करने की तैयारी है। 

अदालत के सीन से शुरू हुई फिल्म की शूटिंग

इस फ़िल्म की शूटिंग गुरु गोरखनाथ जी की नगरी गोरखपुर में 18 सितंबर को विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करने के उपरांत शुरू की गई । फिल्म की टीम ने पहले दिन ‘न्यायालय के एक दृश्य’ का फिल्मांकन किया। इस फिल्म में गोरखपुर से सांसद और प्रसिद्ध अभिनेता रविकिशन क्रांतिकारी भगवान अहीर की भूमिका निभाने जा रहे हैं। निर्देशन की कमान अभीक भानू संभाल रहे हैं। फिल्म के प्रस्तुतकर्ता रविशंकर खरे हैं और सह निर्माता गौरव शंकर खरे हैं। फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों का दावा है कि ‘1922 प्रतिकार : चौरी-चौरा’ में चौरी-चौरा में हुई जनक्रांति के ऐसे तथ्यों और पहलुओं को उजागर किया जाएगा, जिन्हें पहले फिरंगी शासन ने और स्वतंत्रता के बाद तत्कालीन सरकार ने कतिपय कारणों से दबाए-छिपाए रखा।

फिल्म का बैकग्राउंड

फिल्म की कहानी चौरी-चौरा के ऐतिहासिक स्थान पर घटी-घटना पर आधारित है। आजादी से पहले इस स्थान पर भारतीय आन्दोलनकारी और ब्रिटिश हुकूमत आपने सामने थे। भगवान अहीर की गिरफ्तारी के बाद नाराज़ आन्दोलनकारियों ने प्रतिकार की भावना से ब्रिटिश प्रशासन की पुलिस चौकी, चौरी-चौरा में फूंक दी थी। जिसके बाद इतिहास में इस घटना को एक “काण्ड” कहकर पुकारा गया जिसका अर्थ गलत प्रतीत होता है, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध उस समय देशव्यापी असंतोष इतना था जिसके कारण इस तरह के प्रतिकार (जनक्रांति) की चिंगारी कभी भी सुलग सकती थी। इसलिए इस फिल्म में उस इतिहास को एक बार फिर से पेश किया गया है जिसमे भारत के वीर बलिदानियों ने चौरी चौरा में हुई जनक्रांति के फलस्वरूप अपनी जान को दांव पर लगा दिया।

A Memorable Structure Created in Memory or Freedom fighter of Chauri Chaura Pratikar
File Pic: Cahuri-Chaura Memorial

यह है इस ऐतिहासिक फिल्म की टीम

श्री रविशंकर खरे ने सरयू विजन के बैनर तले बन रही इस ऐतिहासिक फिल्म की निर्माण टीम के बारे में जानकारी दी। फिल्म की सह निर्माता अंजू खरे है। दो दशक से मीडिया और फिल्म निर्माण क्षेत्र में सक्रिय गौरव शंकर खरे  क्रिएटिव प्रोड्यूसर के साथ ही मीडिया प्रमोशन का दायित्व भी निभा रहे हैं। दीपक भोसले भी क्रिएटिव प्रोड्यूसर है। अभिक भानु निर्देशित इस फिल्म की शूटिंग 100 दिन के नियमित शेड्यूल के साथ शुरू करते हुए पूरा करने की योजना है फिल्मांकन की कमान फोटोग्राफी के निर्देशक मनोज गुप्ता और संजय मेहता थामने वाले हैं। किसी भी ऐतिहासिक फिल्म में कला पक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। कला निर्देशन का दायित्व विशाल श्रीवास्तव और दीपांकर मोंडेल को सौंपा गया है। इस फिल्म का संपादन अरुण शेखर करने वाले हैं। फिल्म की पटकथा को अंतिम रूप देने में रविशंकर खरे, मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव, केशव, टीना गुप्ता, चैतन्यसिंह गोहिल और छवि गौरांग ने खासी मेहनत की है। श्री खरे का दावा है कि “1922 प्रतिकार चौरीचौरा” ऐसी पहली ऐतिहासिक फिल्म होगी जिसे वैश्विक स्तर पर भव्यता के साथ रिलीज किया जाएगा।

File Pic: Creative Team of Movie 1922 Pratikaar Chauri Chaura


चौरी-चौरा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी महोत्सव मना रही है भारत सरकार



भारत सरकार के द्वारा इस वर्ष चौरी-चौरा जनक्रांति के 100 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में फरवरी 2021 माह से ही शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ किया गया था। इस जनक्रांति में अपना बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों और उनके परिवारों को खोया हुआ सम्मान वापस दिलाने में सरकार की यह ख़ास पहल है। केंद्र सरकार के द्वारा इस उपलक्ष पर एक डाक टिकट भी जारी किया गया था। स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े इस शताब्दी पर्व का मकसद, भारत की स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले, वीर बलिदानियों का पूरे देश में सम्मान समारोह करना एवं उनकी कुर्बानियों को याद करके देश सेवा की प्रेरणा जागृत करना है।

File Pic: Chauri Chaura Dak Ticket Launch

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