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बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार उठा रही कदम: नीतीश

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। श्री कुमार ने सोमवार को यहां उनकी अध्यक्षता में उद्योग विभाग की हुई बैठक में कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किए गए हैं। बिहार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं।

निवेशकों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की रियायतें दी जा रही हैं, इसकी पूरी जानकारी सभी को दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिकरण को गति देने के लिए वर्ष 2006 से ही उनकी सरकार प्रयासरत है। वर्ष 2006 में ही गन्ने से इथेनॉल के उत्पादन के लिए उस समय की केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर अनुमति मांगी गई थी लेकिन अस्वीकृत कर दिया गया था। एक बहुत बड़े निवेशक उस समय 21 हजार करोड़ रुपये का निवेश इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में करना चाहते थे। अब प्रस्ताव की मंजूरी के बाद इथेनॉल उत्पादन को लेकर राज्य में निवेशक आ रहे हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों की आर्थिक स्थिति में और सुधार होगा।
श्री कुमार ने कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सभी वर्गों के लिए रोजगार सृजन एवं उनकी आमदनी में वृद्धि के लिए सरकार पूरी तरह प्रयासरत है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत राज्य की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग एवं महिला उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है, जिसमें पांच लाख रुपये का अनुदान एवं पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक लोगों को भी उद्योग लगाने में मदद देने के लिये पांच लाख रुपये तक की सहायता और पांच लाख रुपये का ऋण दिया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के युवा उद्यमियों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जिसमें पांच लाख रुपये का अनुदान एवं पांच लाख रुपये पर एक प्रतिशत ब्याज युक्त ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका लाभ सभी को मिल रहा है।
श्री कुमार ने कहा कि पश्चिम चंपारण जिले के स्टार्टअप जोन चनपटिया में कुशल श्रमिकों द्वारा बेहतर उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिसका उन्होंने खुद भी निरीक्षण किया था। उनकी कोशिश है कि राज्य के लोगों को काम मिले और उनकी आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों का विकास हो इसके लिए सरकार हरसंभव मदद करने को तैयार हैं।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, स्वास्थ्य सह पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी., निदेशक उद्योग पंकज दीक्षित, निदेशक तकनीकी विकास निदेशालय संजीव कुमार, निदेशक हैंडलूम एवं सेरी कल्चर विवेक रंजन मैत्रेय उपस्थित थे।

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